समय $t =0$ पर एक कण बिन्दु $(2.0 \hat{ i }+4.0 \hat{ j }) \,m$ से, आरम्भिक वेग $(5.0 \hat{ i }+4.0 \hat{ j }) \,ms ^{-1}$ से, गतिशील है। यह एक स्थिर त्वरण $(4.0 \hat{ i }+4.0 \hat{ j }) \,ms ^{-2}$ उत्पन्न करने वाले एक स्थिर बल के प्रभाव में चलता है। समय $2 \,s$ पर कण की मूल बिन्दु से दूरी क्या होगी ?
$15\,m$
$20\sqrt 2 \,m$
$5\,m$
$10\sqrt 2 \,m$
एक प्रक्षेप्य को प्रारांभिक वेग $(\hat{i}+2 \hat{j}) m / s$ दी जाती है, जहाँ $\hat{i}$ जमीन या क्षैतिज के अनुदिश तथा $\hat{j}$ उर्ध्वांधर के अनुदिश इकाई/सदिश है। यदि $g =10\, m / s ^{2}$ है, तो इसके प्रक्षेप्य पथ का समीकरण होगा
ऊर्ध्वाधर तल में किसी प्रक्षेप्य का प्रक्षेप्य-पथ $y =\alpha x -\beta x ^{2}$, है, यहाँ पर $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं तथा $x$ और $y$ क्रमशः प्रक्षेपण बिन्दु से प्रक्षेप्य की क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दूरियाँ हैं। प्रक्षेप-कोण $\theta$ और प्रक्षेपक द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई $H$ का मान होगा।
निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा कारण एवं उदाहरण सहित बताइए कि क्या यह सत्य है या असत्य :
अदिश वह राशि है जो
$(a)$ किसी प्रक्रिया में संरक्षित रहती है,
$(b)$ कभी ऋणात्मक नहीं होती,
$(c)$ विमाहीन होती है,
$(d)$ किसी स्थान पर एक बिंदु से दूसरे बिंदु के बीच नहीं बदलती,
$(e)$ उन सभी दर्शकों के लिए एक ही मान रखती है चाहे अक्षों से उनके अभिविन्यास भिन्न-भिन्न क्यों न हों ।